केन्द्र और राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के लिये कांग्रेस की भ्रष्ट नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा कि गरीब और पिछड़ों को अपना उद्धार स्वयं करने के लिये गुलाम मानसिकता वाले समाज के बिकाऊ लोगों से सावधान रहना होगा।
मायावती ने बुधवार को पार्टी संगठन की समीक्षा बैठक में कहा कि आज़ादी के बाद 70 वर्षों तक लुप्त प्रायः रहने के बाद जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साम्प्रदायिकता व घिनौनी जनविरोधी एवं जातिवादी नीतियां आज कांग्रेस की तरह ही चरम पर है, ऐसा किसने सोचा था। लेकिन आज बीजेपी अगर शक्तिशाली और सरकार में है तो इसके लिए सबसे बड़ी ज़िम्मेवार व कसूरवार खुद कांग्रेस व उसकी गलत एवं जनविरोधी भ्रष्ट नीतियां हैं।
उन्होने कहा “ कुल मिलाकर बसपा मिशन व मूवमेन्ट के लिए दोनों ही पार्टियां बराबर की जिम्मेवार हैं, कोई कम तो कोई ज्यादा अर्थात बहुजन समाज व अपर कास्ट समाज के गरीबों को अपना उद्धार स्वयं करने के योग्य बनना है तो गुलाम मानसिकता वाले समाज के बिकाऊ लोगों से सावधान रहना बहुत ही जरूरी है और बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्ते पर हर संकट झेलते हुए चलते रहना है ।”
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार देशहित को त्याग कर अपने विरोधियों को हर प्रकार से कुचलने में लगी हुई है, जो लोकतंत्र के लिए अति-दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है तथा जिसको लेकर हर तरफ चिन्ताओं की लहर है। इसीलिए यूपी में स्थानीय लोगों की जनहित से जुड़ी समस्याओं आदि को लेकर व उन पर होने वाली जुल्म-ज्यादतियों के विरूद्ध न्याय दिलाने के लिए सम्बंधित अधिकारियों से समय लेकर समय-समय पर उनसे मिलकर पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास पार्टी स्तर पर लगातार जारी रहना चाहिये।
पिछली पांच फरवरी से उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन की ज़मीनी गतिविधियों, छोटी-छोटी कैडर बैठकों व चुनावी तैयारी आदि के सम्बन्ध में मण्डल व ज़िलावार शुरु की गई समीक्षा का पहला दौर आज की समीक्षा बैठक के बाद यहाँ समाप्त हुआ। इस दौरान यूपी के सभी 18 मण्डल व 75 ज़िलों के पार्टी के छोटे-बड़े पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी कमेटी की गतिविधियों के सम्बन्ध में विस्तार से रिपोर्ट पार्टी प्रमुख को पेश की।
लगभग एक माह से अधिक समय तक लगातार चलने वाली इन समीक्षा बैठकों में बी.एस.पी. मूवमेन्ट के जन्मदाता व संस्थापक कांशीराम की 15 मार्च को होने वाली जयन्ती कार्यक्रम को, पूर्व की तरह यूपी के कुछ मण्डल को छोड़कर अधिकांश मण्डलों में संगोष्ठी आदि के माध्यम से मनाने का निर्देंश दिया गया, जिसमें से केवल लखनऊ, कानपुर व फैजाबाद मण्डल के लोग, लखनऊ में कांशीराम स्मारक स्थल में तथा मेरठ मण्डल के लोग नोयडा में स्थित दलित प्रेरणा स्थल में पहुँचकर उनको अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे।
मायावती ने अपनी मण्डल व ज़िला स्तरीय समीक्षा बैठकों में अति-शीघ्र घोषित होने वाले पंचायत व स्थानीय निकाय के चुनाव से सम्बंध में पार्टी की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में ये चुनाव अगर स्वतंत्र व निष्पक्ष ढंग से कराए गए तो आगामी विधानसभा आमचुनाव से पहले पूरे प्रदेश में केन्द्र व राज्य की सरकार के खिलाफ सर्वसमाज में से खासकर गरीबों, किसानों, छोटे व्यापारियों व अन्य मेहनतकश लोगों में जो व्यापक जन असंतोष व जनाक्रोश व्याप्त है वह बीजेपी के खिलाफ जरूर रंग लाकर उसे काफी महंगा पड़ सकता है। खासकर ऐसे समय में बसपा की बेहतर विकल्प बनकर जनता के सामने आना है, यही हमारा प्रयास पहले भी था और आगे भी होना चाहिये।