भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि पंजाब के दलित कांग्रेसी नेता चरणजीत सिंह चन्नी को महज़ छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने दलित प्रेम का झूठा दिखावा किया है।
भाजपा के सचिव और अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विनोद सोनकर ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य में चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस देश में दलित सशक्तिकरण का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन सच यह है कि पंजाब की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि देश की जनता और दलित समुदाय भूला नहीं है कि कांग्रेस ने संविधान रचयिता बाबा भीमराव अंबेडकर के साथ कैसा बर्ताव किया था। कांग्रेस ने बाबू जगजीवन राम को देश का प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया।
सोनकर ने कहा,“जनता को याद है कि वर्ष 2003-04 में कांग्रेस शासित महाराष्ट्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख के खिलाफ जनता खड़ी हो गयी थी तब दलित प्रेम का दिखावा करके कांग्रेस ने सुशील कुमार शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया था। लेकिन 2004 में चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस ने शिंदे को हटाकर दोबारा देशमुख को मुख्यमंत्री बना दिया।” उन्होंने कहा कि ठीक ऐसे ही 1980 में राजस्थान में जगन्नाथ पहाड़िया को चुनाव से पहले कांग्रेस ने कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री बनाया और जब पहाड़िया के नेतृत्व में पार्टी को बहुमत मिला तो उन्हें बदलकर शिवचरण माथुर को मुख्यमंत्री बना दिया गया।
सोनकर ने कहा कि कांग्रेस के नेता कहते हैं कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। यह बात कांग्रेस की असली मंशा और झूठे दलित प्रेम को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पंजाब की जनता को स्पष्ट करे कि चुनाव के बाद भी चन्नी ही उनके नेता रहेंगे।