दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने डाक्टर की सलाह पर ही स्टेरॉयड लेने की अपील करते हुए कहा कि खून में शुगर बढ़ने और स्टेरॉयड लेने से इम्युनिटी कम होने पर ब्लैक फंगस हो रहा है।
जैन ने कहा कि दिल्ली में ब्लैक फंगस के अब तक 197 मामले आए हैं, जिसमें कुछ मरीज दिल्ली के बाहर के भी शामिल हैं। उन्होंने डाॅक्टर की सलाह पर ही स्टेरॉयड लेने की अपील करते हुए कहा कि खून में शुगर बढ़ने और स्टेरॉयड लेने से इम्युनिटी कम होने पर ब्लैक फंगस हो रहा है। जिन कोरोना मरीजों को इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिया गया है, वे इसके बंद होने के बाद एक सप्ताह तक सतर्क रहें और घर से बाहर न निकलें। ब्लड शुगर जब बढ़ता है, तो वायरस, फंगस और बैक्टीरिया बहुत तेजी से हमला करते हैं। दिल्ली समेत पूरे देश में ब्लैक फंगस की दवा की किल्लत है। यह दवा केंद्र सरकार के नियंत्रण में है और राज्य को कोटे के मुताबिक दवा दे रही है। इस बार कोरोना पीड़ित बच्चों के ज्यादा मामले नहीं आए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अगली लहर बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है। जैन ने कहा कि दिल्ली में संक्रमण दर घटकर 5.5 फीसदी आ गई है और अस्पतालों में 16,712 कोविड बेड व 1748 आईसीयू बेड खाली हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में 20 मई को 3231 कोरोना संक्रमण के मामले आए थे, जबकि संक्रमण दर 5.5 फीसदी रही है। दिल्ली में पहले जहां अधिकतम मामले 28,000 तक पहुंचे थे, वह अब घटकर तीन हजार के करीब आ गए हैं। इसके अलावा, संक्रमण दर 36 फीसदी से कम होकर 5 फीसदी के करीब रह गई है। यह थोड़ी सी राहत की बात है, लेकिन इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें। दो-तीन महीने तक कोरोना के केस बिल्कुल नहीं आए थे, लेकिन फिर अचानक से बढ़ गए। हमें अभी भी 3 हजार मामले कम लग रहे हैं, क्योंकि 28 हजार से ये कम होकर यहां तक आए हैं। दिल्ली में जब 200-300 मामले आ रहे थे, तब एक हजार मामले भी हमें बहुत ज्यादा लग रहे थे। ऐसे में तीन हजार मामले कम नहीं होते हैं। सभी को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना है और लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने से बचे। यदि सब्जी- राशन सहित कुछ जरूरी सामान लेने जाएं, तो मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में ब्लैक फंगस के 19 मई तक सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में 197 मामले आए हैं। इसमें दिल्ली और दिल्ली के बाहर के भी मरीज हैं। अधिकांश मामलों में यह देखने में आ रहा है कि अस्पताल से कोरोना मरीजों की छुट्टी होने के बाद ब्लैंक फंगस होने पर वापस आ रहे हैं। लोगों को ब्लैक फंगस के बारे में आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस दो कारणों से हो रहा है। पहला, खून के अंदर शुगर का स्तर बढ़ना और दूसरा स्टेरॉयड की वजह से इम्युनिटी का कम होना।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ब्लैक फंगस वातावरण में होता है। खासकर मिट्टी, कंस्ट्रक्शन साइट्स में और घर के अंदर जो चीजें सड़ रही होती हैं, उनके अंदर फंगस हो सकता है। स्वस्थ आदमी को फंगस का कोई भी असर नहीं पड़ता है। जिनकी इम्युनिटी स्टेरॉयड लेने से कम हो गई है, उनको ब्लैंक फंगस होने का जोखिम रहता है।