भारत के पूर्व लीजेंड बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में 45-50 ओवर के बाद नयी गेंद का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे गेंदबाजों को मदद मिल सके।
कोरोना वायरस के कारण पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की तकनीकी समिति ने गेंदबाजों के गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था जिसे आईसीसी ने मंजूरी दी थी।
सचिन ने कहा, “टेस्ट क्रिकेट में अगर पिच सही नहीं रहती है तो मेरे ख्याल से खेल का स्तर गिर जाता है और मैच धीमा होने लगता है क्योंकि बल्लेबाज को पता होता कि अगर वह गैरजिम्मेदाराना शॉट नहीं खेलेगा तो कोई उसे आउट नहीं कर सकता जबकि गेंदबाजों को पता होता है कि इस पिच में उन्हें संयम रखना होगा।”
उन्होंने कहा, “खेल को आगे बढ़ाने के लिए हर 45-50 ओवर में नयी गेंद का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि वनडे क्रिकेट में हमें सिर्फ 50 ओवर खेलना पड़ता है और आपको दो गेंद के इस्तेमाल की इजाजत मिलती है। इस हिसाब से 25 ओवर में गेंद बदलती है।”