विदेश मंत्री डाॅ. एस जयशंकर ने बुधवार को अफगानिस्तान पर जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में मानवीय जरूरतों के जवाब में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आना चाहिए।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि किसी भी तरह से आतंकवाद के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं करने देने की तालिबान की प्रतिबद्धता को लागू किया जाना चाहिए और मानवीय जरूरतों के जवाब में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ सामने आना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सहायता प्रदाताओं को अफगानिस्तान में ‘निर्बाध और सीधी पहुंच’ प्रदान की जानी चाहिए।
डॉ. जयशंकर ने कहा, “विश्व एक व्यापक समावेशी प्रक्रिया की अपेक्षा करता है जिसमें अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व को शामिल होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की भागीदारी अफगान लोगों के साथ उसकी एतिहासिक दोस्ती से प्रेरित होगी।
विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रस्ताव 2593 पर कहा कि यह वैश्विक भावना को दर्शाता है और हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करना जारी रखना चाहिए। भारत की भागीदारी अफगान लोगों के साथ उसकी ऐतिहासिक मित्रता से प्रेरित होगी।