कारोबारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ ने दावा किया है कि दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हुए कुछ राज्यों के किसानों के आंदोलन से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में लगभग 14 हजार करोड़ रुपए का बड़ा नुक़सान हुआ है।
परिसंघ ने मंगलवार को यहां यह आकलन जारी करते हुए कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण लगभग 20 प्रतिशत ट्रक देश के अन्य राज्यों से दिल्ली नहीं आ पा रहे हैं। दिल्ली से अन्य राज्यों को भेजे जाने वाले माल पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। हालांकि फ़िलहाल दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं सहित अन्य वस्तुओं की कोई किल्लत नहीं है।
परिसंघ ने एक बयान में कहा है कि दिल्ली में मुख्य आपूर्ति आस पास के राज्यों से होती है। इसके अलावा अन्य राज्यों से भी माल दिल्ली आता है। किसानों के विरोध प्रदर्शनों के कारण अभी तकरीबन 14 हजार करोड़ रुपए के व्यापार का नुकसान हो चुका है। परिसंघ ने सरकार ने जल्द से जल्द विरोध प्रदर्शन समाप्त कराने की अपील की है जिससे सामान्य कारोबार बहाल हो सके।
आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 50 हज़ार ट्रक देश भर के विभिन्न राज्यों से माल लेकर आते हैं और लगभग 30 हज़ार ट्रक प्रति दिन दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए जाते हैं। माल की आवाजाही प्रायः दिल्ली - जयपुर, दिल्ली-मथुरा, आगरा एक्सप्रेस वे, दिल्ली- ग़ाज़ियाबाद , दिल्ली - चंडीगढ़ मार्ग आदि रास्तों से मुख्य रूप से होती है। ये मार्ग आंदोलन के कारण इन पर यातायात बाधित है।