पिछले कुछ सालों से दुनिया पर ग्लोबल वार्मिग का असर साफ तौर
पर देखा जा रहा है. देश की राजधानी दिल्ली के साथ साथ दुनिया भर के तमाम शहरों में
रहने वाले लोग आजकल शिद्दत से प्रदूषण की वजह से हवा में होने वाले बदलाव को महसूस
कर रहे हैं.
ग्लोबल वार्मिग को लेकर अब जो खबर आ रही है वो वाकई इस दुनिया
में रहने वालो वालों इन्सानों को बेचैन करने के लिए काफी है. दुनिया भर के 153 देशों
के 11,000 से अधिक वैज्ञानिकों के लिए ग्लोंबल वार्मिग को लेकर एक रिपोर्ट तैयार
की है. इस रिर्पोट में इन वैज्ञानिकों ने हमारे ग्रह अर्थ पर ग्लोबल वार्मिग की वजह
से पड़ने वाले प्रभाव की वजह से ग्लोबल क्लाइमेट इमरजेंसी डेक्लेयर कर दी है. इन
वैजानिको के अनुसार पूरी दुनिया इस वक्त ग्लोबल वार्मिग के चपेट में है. अगर पर्यावरण
के ऊपर प्रदूषण की वजह से पड़ने वाले प्रभावों को लेकर कुछ महत्वपूण कदम नही उठाये
तो आने वाले समय में बेहद गम्भीर स्थिति पैदा हो सकती है. इन वैज्ञानिकों ने ग्लोबल
वार्मिग का जिम्मेदार ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन, नेचर को नजरअन्दाज
करके होने वाला अन्तराष्ट्रीय वित्तीय व्यापार और जनसख्या विस्फोट को माना है.
दुनिया भर का ध्यान पर्यावरण की तरफ खीचने वाले इन वैज्ञानिको ने ग्लोबल वार्मिग
को रोकने के कुछ उपाय भी सुझाये है.
ग्लोबल वार्मिग के गम्भीर खतरों को लेकर सचेत करने वाली ये
रिपोर्ट बायोसाइंस नामे के जर्नल में छपी है और बिल रिपल नाम के इकालाजिस्ट इस रिपोर्ट
को दुनिया के सामने लेकर आये हैं.
ये रिपोर्ट ग्लोबल वार्मिग को लेकर अभी हाल ही संयुक्त राष्ट्र
बैठक हुई थी उससे काफी अलग बात करतीी है. सयूक्त राष्ट्र की बैठक में ग्लोबल वार्मिग रोकने
के लिए जो रोडमैप बताया गया था वो काफी अनिश्चितताओं से भरा हुआ था लेकिन इस रिपोर्ट
में ऐसा नही है. वैज्ञानिको की इस रिपोर्ट में ग्लोबल वार्मिग रोकने के लिए कुछ स्टेट फारवर्ड उपाय बताने
की कोशिश की है.
दुनियाभर के लोगो को पर्यावरण को लेकर सचेत करने वाले ये वैज्ञानिक
ग्लोबल वार्मिग का प्रमुख कारण ग्रीन हाउस गैसो के उत्सर्जन को मान रहे है. पिछले
40 में दुनिया के ऊपर ग्रीन हाउस की गैसो का काफी पूरा असर पड़ा है. ये रिर्पोट दुनिया
भर के लोगो को ये सुझाव देती है कि दुनिया की तामाम सरकारे आपसी सहयोग की मदद से कुछ
ऐसी पॉलिसी बनाये जिसकी मदद से कम से कम ग्रीन हाउस गैसो का उत्सर्जन हो.
इसके अलावा इस रिपोर्ट में कई ऐसे सुझाव दिये गये है जिसको ध्यान में रखकर दुनिया
भर के देश अपने अपने देशों में पॉलीसीज बनाये तो काफी बड़ी मात्रा में ग्लोबल वार्मिग
की वजह से दुनिया पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है.