मानव के लिए वरदान
है. मानव को ही इस वरदान की रक्षा करने का कर्तव्य बनता है क्योंकि यह हमारे जीवन
के लिए उपयोग होने वाले संसाधनों को उपलब्ध कराती है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण
हमारे पीने के लिए साफ़ पानी है. इसी तरह अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए सभी
मानवों का पृथ्वी की रक्षा करने का दृष्टिकोण रखना चाहिये. लेकिन दुःख की बात यह
है कि यह जानकारी होते हुए भी बहुत कम संख्या में लोग अपने आस पास के वातावरण के
लिए जागरूक होते है.
इसी कड़ी में लखनऊ के गाजियाबाद में "द अकादमी ऑफ एनवायरमेंटल बायोलॉजी"
एवं "राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो" द्वारा लखनऊ में आयोजित
दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में पर्यावरण व शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट व
अनुकरणीय योगदान के लिए सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल की डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ.
माला कपूर को "फैलो ऑफ एजुकेशन इन सोसाइटल मिशन" सम्मान से अलंकृत किया
गया. पर्यावरण एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए इन संस्थाओं
से पुरस्कृत होने वाली डॉ. कपूर पहली महिला हैं. डॉ. कपूर को सम्मानित करते हुए
"द अकादमी ऑफ एनवायरमेंटल बायोलॉजी" के सचिव कृष्ण गोपाल ने कहा कि
पर्यावरण एवं शिक्षा के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने के डॉ. कपूर के तीस सोलों से मिशन के तौर पर चल
रहे अभियान के फलस्वरूप उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है. राष्ट्रीय सम्मेलन में
सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल के अध्यापिका सुश्री रिंकल गोयल को भी शिक्षा एवं
पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया. गौरतलब है कि
यह सम्मान प्राप्त करने का गौरव हासिल करने वाला सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल
एकमात्र स्कूल है.