लाइव साइंस की एक रिपोर्ट में सोमवार को बताया कि दक्षिण अफ्रीका के एक ज्वालामुखीय स्थल से खनन किए गए हीरे में ऐसा खनिज पाया गया है जिसे कभी नहीं देखा गया है. इस खनिज को वैज्ञानिकों ने "सुनार साईट" (गोल्ड-शैमिटाईट) नाम दिया है.
मशहूर भू-रसायनविद विक्टर मोरिट्ज गोल्डस्मिड्ट ने बताया कि यह खनिज पृथ्वी के क्रस्ट और बाहरी कोर के बीच लगभग 170 किलोमीटर की गहराई में पाया गया है.
अल्बर्टा विश्वविद्यालय के एक डॉक्टरेट छात्र निकोल मेयर ने कहा कि “सुनार साइट” (गोल्ड-शैमिटाईट) में नाइओबियम, पोटेशियम और पृथ्वी के दुर्लभ- तत्व लैंथेनम और सेरियम की उच्च सांद्रता जैसे तत्व मौजूद है. जबकि पृथ्वी के मेंटल में सिर्फ मैग्नीशियम और आयरन जैसे अन्य तत्वों का भण्डार है.
निकोल मेयर के अनुसार पृथ्वी की सतह के नीचे बहुत से तत्व मौजूद थे फिर भी , पोटेशियम, और नाइओबियम जैसे तत्वों की मदद से , दुर्लभ तत्वों का आपस में केन्द्रीकरण हुआ जिसके बाद हीरे मं सुनार साइट का निर्माण हुआ.
यह खोज हमें हीरे के निर्माण में हुई तरल प्रक्रियाओं का एक झलक दर्शाता है जो कि पृथ्वी की गहरी जड़ों को प्रभावित करता है.