रियलिटी सेक्टर पर 'ऑब्जर्वर डॉन' ने आयोजित किया 'इंडियन रियलिटी कॉन्क्लेव'
लॉकडाउन के दौर में देश के जाने-माने मीडिया हाउस ऑब्जर्वर डॉन ने वेबिनॉर के बजाए वेबकॉन्क्लेव का आयोजन किया। केडब्ल्यू ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज जैन, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ओएलएक्स के नेशनल सेल्स हेड अमरेंद्र शुक्ला, सीआरसी ग्रुप के सीओओ संजीव कथूरिया, पार्श्वनाथ डवलपर्स लिमिटेड की उपाध्यक्ष (रिटेल एंड कमर्सियल डिवलपमेंट्स) रीमा मेनन और इंवेस्टर्स क्लिनिक के निदेशक रजत टंडन बतौर पैनलिस्ट शामिल रहे।
वेबकॉन्क्लेव में मॉडरेटर का जिम्मा रियल एस्टेट एक्सपर्ट राकेश पुरोहित और 'ऑब्जर्वर डॉन' के सम्पादक हरिओम त्यागी ने संयुक्त रूप से निभाया।वेबकॉन्क्लेव में वक्ताओं ने कहा कि समस्त क्षेत्रों की तरह रियल एस्टेट के लिए भी समय संकट भरा है, लेकिन जल्द ही यह भी बीत जाएगा और रियल एस्टेट सेक्टर एक बार फिर मजबूत होकर उभरेगा। वक्ताओं ने रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सरकारी स्तर पर किए जा रहे कार्यों को भी सराहा। वक्ताओं ने महामारी के भय और रोजगार संबंधी आशंकाओं को श्रमिक पलायन की बड़ी वजह बताया। कामगारों के बगैर कोई कार्य नहीं होगा, लेकिन अधिकांश श्रमिक रुकने को तैयार नहीं है। वक्ताओं ने इस दिशा में सरकार की तरफ से पर्याप्त कदम उठाए जाने की जरूरत जताई। उन्होंने कहा कि फिजिकल डिस्टेंसिंग के इस दौर में रियल एस्टेट सेक्टर में कारोबारी लिहाज से डिजिटल प्लेटफार्म्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वक्ताओं ने कहा कि वेबिनॉर तो इस दौर में अनेक हो रहे हैं, लेकिन कोई भी इमानदारी से बात नहीं करता। वर्तमान में जरूरत है सही तथ्यों को सामने लाने की। ऐसे में मीडिया को भी इस पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा। वक्ताओं का कहना है बेशक मीडिया अच्छी और बुरी तमाम तरह की बातें करता है, लेकिन संकट के इस दौर में मीडिया को अच्छे कामों को ज्यादा प्रसारित-प्रचारित करना चाहिए। जिससे कि बेहतर करने वालों का मनोबल और बढ़े।
'संक्रमण का भय और रोजगार का संकट है श्रमिक पलायन एक बड़ा कारण'
केडब्ल्यू ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज जैन ने वेबकॉन्क्लेव में कहा कि कोरोना के कारण हमें अहसास हुआ कि तकनीकी रूप से मजबूत होना समय की जरूरत है। उन्होंने रियलिटी सेक्टर से जुड़े सभी डिवलपर से काम शुरू करने की अपील की। श्री जैन ने कहा कि सरकार सहयोग कर रही है, ऐसे में हमें भी आगे आकर अपने स्तर पर समस्त सावधानियां बरतते हुए कार्य शुरू कर देना चाहिए। इससे बिल्डर्स के प्रति बॉयर्स का भरोसा बढ़ेगा। सरकार से योजना संबंधी विभिन्न स्वीकृति भी वर्तमान में पहले के मुकाबले तेजी से मिल रही है। केडब्ल्यू ग्रुप की बात करें तो हमें फाइनेंसियल इंस्टीट्यूसंशन ने मदद को लेकर पूरी तरह आश्वस्त किया है और हम अपने स्तर पर भी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। श्रमिक पलायन के सवाल पर पकंज जैन ने कहा कि कोरोना संक्रमण के भय के साथ ही रोजगार का संकट भी पलायन के पीछे एक बड़ा कारण रहा। श्री जैन ने कहा कि यदि हम केडब्ल्यू ग्रुप की बात करें तों हमारे यहां सभी श्रमिकों के लिए रहने-खाने की पर्याप्त व्यवस्था कराई गई। हमारे 90 फीसदी श्रमिक साइट पर ही हैं और सरकारी अनुमति के उपरांत जरूरी देहिक दूरी रखते हुए काम भी कर रहे हैं। श्री जैन ने कहा कि तमाम स्कीम्स को देखते हुए आज खरीददारों के लिए सबसे बढ़िया समय है। कारोबार पटरी पर आने के बाद इन स्कीम्स में बदलाव होना लाजिमी है। नए प्रोजेक्ट कम से कम छह महीने तक नहीं आएंगे, ऐसे में जहां यह डिवलपर्स के लिए अवसर है, वहीं खरीददारों को भी मौजूदा इंवेंट्री में से अच्छा चुनने का बेहतर मौका है। श्री जैन ने दावा किया कि यदि सबकुछ सही प्रकार से सम्पन्न हुआ तो केडब्ल्यू समूह अपने प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने में सफल रहेगा।
'खरीददारों और कंसल्टेंट्स के बीच विश्वास सेतु बनें डिजिटल मंच'
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ओएलएक्स के नेशनल सेल्स हेड अमरेंद्र शुक्ला का कहना है कि डिजिटल प्लेटफार्म्स न अब केवल कंटेंट और विज्ञापन प्रकाशित करने माध्यम ही है, बल्कि कारोबार करने के हिसाब से भी वर्तमान समय में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है। रियल एस्टेट सेक्टर में भी डिजिटल प्लेटफार्म्स की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होने जा रही है। वैसे भी रियल एस्टेट सेक्टर के लिए डिजिटल क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। ओएलएक्स ने इसके संदर्भ में अपार संभावनाओं को पहचानते हुए पहले से ही रियल एस्टेट के क्षेत्र में डिजिटली कार्य करना शुरू कर दिया था। श्री शुक्ला ने कहा कि अब बैंकिंग समेत अन्य सभी क्षेत्रों में जब डिजिटली कार्य किया जा रहा है तो ऐसे में रियल एस्टेट का क्षेत्र तकनीक के इस मंच से दूर कैसे रह सकता है। हमें खरीददारों और कंसल्टेंट्स के बीच विश्वास की कमी को दूर करना होगा। डिजिटल पटल को खरीददारों और कंसल्टेंट्स के बीच विश्वास सेतु के रूप में काम करना होगा। ओएलएक्स विभिन्न स्तरों के खरीददारों को एक ऐसा ही भरोसेमंद मंच प्रदान करता है, अन्य डिजिटल प्लेटफार्म्स को भी ऐसा ही करने की जरूरत है। जिसके बाद उम्मीद है कि 90 फीसदी यूजर्स रियल एस्टेट सेक्टर में डिजिटल मंचों का इस्तेमाल करेंगे।
'कई क्षेत्रों को प्रभावित करेगा रियल एस्टेट सेक्टर का फायदा-नुकसान'
सीआरसी समूह के सीओओ संजीव कथूरिया ने कहा कि कोरोना के संकटकाल में 'जान भी जहान भी' के ध्येय पर ध्यान केंद्रित करते हुए काम करना होगा। साथ ही बड़े के बजाए छोटे प्रोजेक्ट्स को बढ़ाना होगा। श्री कथूरिया ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर देश का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है एमएसएमई के बाद। यह सेक्टर करीब छह करोड़ लोगों को रोजगार देता है। सरकार इस तथ्य को भी अच्छे तरीके से समझती है। वर्तमान में सरकारी स्तर पर बिल्डर्स को खासी तवज्जो दी जा रही है। छूट, स्वीकृति और सप्लाई के मामले में सरकार अच्छे से काम कर रही है, कार्यसंबंधी स्वीकृति भी तेजी से मिल रही है। रियल एस्टेट सेक्टर का फायदा-नुकसान ट्रांस्पोर्ट, इस्पात, इलेक्ट्रिकल्स, सेनेट्री, सीमेंट, पेंट आदि अन्य कई क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। नकदी और राजस्व की व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में किसी भी स्तर पर महंगाई नहीं बढ़ी है, हालांकि निकट भविष्य में 10 से 15 फीसदी तक सुधार हो सकता है।
'आगामी कुछ समय तक रियल एस्टेट सेक्टर में भी रहेगा कारोबारी संकट'
पार्श्वनाथ डवलपर्स लिमिटेड की उपाध्यक्ष (रिटेल एंड कमर्शियल डिवलपमेंट्स) रीमा मेनन ने कहा कि अदृश्य भय के इस वातावरण में रियल एस्टेट सेक्टर में भी कारोबारी संकट तो आगामी कुछ समय तक रहेगा। इस माहौल में हमें अपने काम को अलग तरीके से व्यवस्थित और सुचारू करना होगा। भीड़-भाड़ वाले वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से लोग कुछ समय तक दूर रहेंगे। ऐसे में संगठित और व्यवस्थित तरीके से कार्य करने वाले प्रतिष्ठानों की तरफ लोगों का रूझान बढ़ेगा। सुश्री मेनन ने रेंटल प्रॉपर्टी के बाबत कहा कि किराया कम हो सकता है, खत्म नहीं होगा। कमर्शियल प्रोजेक्ट्स को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि घर से कार्य (वर्क फ्रॉम होम) और घर के निकट कार्य (वर्क नियर होम) को बढ़ावा देने का चलन बढ़ेगा। सुश्री मेनन ने कहा कि चीन से भारत आने वाले उद्योगों को विभिन्न परिपेक्ष को दृटिगत रखते हुए छोटे शहरों के आस-पास स्थापित किए जाने की उम्मीद है। ऐसे में बड़े शहरों के बजाए छोटे शहरों में उद्योग बढ़ेंगे जिससे वहां रियल एस्टेट की संभावनाएं भी रहेंगी। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से बिल्डर्स को ऋण आदि में पर्याप्त राहत दी जानी चाहिए।
'प्रतिकूल स्थिति में अवसर भी छिपा होता है'
इंवेस्टर्स क्लिनिक के निदेशक रजत टंडन ने कहा कि हर संकटकाल या प्रतिकूल स्थिति में अवसर भी छिपा होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोरोना संक्रमण के बाद वर्तमान हालात में स्वास्थ्य सुरक्षा के नजरिए से खरीददार आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए असंगठित के बजाए संगठित क्षेत्रों को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि इंवेस्टर्स क्लिनिक ब्रोकर कंसल्टेंसी में काम करने के इच्छुक लोगों को मंच उपलब्ध कराने का भरसक प्रयास कर रहा है। श्री टंडन ने कहा कि फिलहाल बेशक कुछ समस्याएं हैं, लेकिन मौके की नजाकत को समझते हुए तमाम डिवलपर कई तरह की नई स्कीम लेकर आ रहे हैं, उनका लाभ उपभोक्ताओं के साथ ही रियल सेक्टर को भी होगा और कंसल्टेंट्स भी लाभ में रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान हालात में रियल एस्टेट सेक्टर में रिहाइशी और वाणिज्यिक संपत्तियों के लिहाज से खासी संभावनाएं हैं।
Good report on webconclave, fruitfull session and covered nearly all major concerned topics relevant today
Gaurav
20-05-2020 21:06:17