हुआवेई ने
गुरुवार को जर्मनी के म्यूनिख में हुए एक कार्यक्रम के दौरान अपने नए मेट सीरिज के
तीन मॉडल मेट 30, मेट 30 प्रो और मेट 30
आरओ पेश किए. हुआवेई ने अपने इन स्मार्टफ़ोनो को गूगल की सर्विस के बिना लांच किया
है यह स्मार्टफ़ोन ओपन-सोर्स एंड्रॉइड-आधारित हार्मोनी ओएस पर काम करते है चलते
हैं. इन स्मार्टफोन में आपको गूगल प्ले स्टोर,
जीमेल, और गूगल मैप की सुविधाएं नही मिलेगी.
हुआवेई ने अगस्त में अपना खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम हार्मोनी
ओएस को
लांच किया था जिसकी खासियत यह थी कि यह ऑपरेटिंग सिस्टम बिना एंड्राइड ऑपरेटिंग
सिस्टम की मदद के फ़ोन को ऑपरेट कर सकता है. कम्पनी की तरफ से यह दावा किया गया था
कि यह ऑपरेटिंग सिस्टम "एंड्रॉइड” से पूरी
तरह से अलग है.
हुआवेई चीन की एक दिग्गज टेक कम्पनी है जिसके स्मार्टफोन के खरीदार पूरी दुनिया
में मौजूद है. हुआवेई कम्पनी के व्यापार पर मुसीबत तब आई जाब अमेरिका और चीन के
बीच चल रहे ट्रेड वार के कारण इस कम्पनी को नुक्सान झेलना पड़ा. अमेरिका ने हुआवेई
कम्पनी पर बैन लगा दिया जिसके बाद कम्पनी को भारी आर्थिक नुक्सान का सामना करना
पड़ा. बैन लगने के कारण कोई भी यूजर गूगल से जुडी तमाम सेवाओं का इस्तेमाल नही कर
पा रहा था. अमेरिका ने हुआवेई कम्पनी पर डाटा की चोरी करने का आरोप लागाया था.
जिसके बाद हुआवेई की सेल कम हो गई ऐसे में इस टेक कम्पनी के पास अपना खुद का
ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के अलावा और कोई भी विकल्प नही बचा क्योंकि अमेरिका से जुडी
गूगल कम्पनी ने एंड्राइड से जुडी सभी सेवाएं हुआवेई कम्पनी के लिए बंद कर दी थी. इसलिए
हुआवेई को अपनी साख बनाये रखने के लिए बहुत ही जल्द एक नया एक नया ऑपरेटिंग सिस्टम
बनाना था.
हुआवेई ने अपने नए स्मार्टफोन्स में ब्राउज़र के लिए गूगल क्रोम को वेब सर्फिंग के
उपकरण के रूप में बदल दिया और वहीं, यूजर्स को गूगल प्ले स्टोर की जगह हुआवेई ऐप गैलरी में परिवर्तित
कर दिया. कंपनी के बताया है कि हुआवेई ऐप गैलरी में लगभग 45,000 ऐप हैं.